Tilak Varma Life Story : एकेडमी जाने के लिए नहीं थे पैसे, कोच का मिला साथ, तिलक के लिए IPL नीलामी में भिड़ी थीं 4 टीमें :-
Tilak Varma Life Story: तिलक वर्मा को टीम इंडिया तक पहुंचने में बहुत तकलीफ हुई है। कोरोना में उनके परिवार को अपने खर्चों में कटौती करनी पड़ी है। तब कोच ने यह तय किया कि तिलक लगातार क्रिकेट खेलना जारी रखें। तिलक ने मंगलवार को BCCI द्वारा जारी एक वीडियो में कहा, ''मैंने हमेशा भारत के लिए वनडे में खेलने का सपना देखा था, लेकिन कभी सीधे एशिया कप के लिए चुने जाने के बारे में नहीं सोचा था। यह मेरे लिए बड़ी बात है। मैंने कुछ दिन पहले टी20 डेब्यू किया और फिर एक महीने में वनडे टीम में चुना गया।'' भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एशिया कप के लिए टीम इंडिया का एलान कर दिया है। सोमवार को मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर ने कप्तान रोहित शर्मा की मौजूदगी में टीम घोषित की। 17 सदस्यीय दल में एक खिलाड़ी के नाम ने सबको चौंका दिया। हैदराबाद के लिए घरेलू क्रिकेट और मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल में खेलने वाले तिलक वर्मा को पहली बार वनडे में चुना गया। उनका चयन इस
फॉर्मेट में सीधे एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए हुआ।
पिछले 17 महीने तिलक के लिए किसी सुनहरे सपने से कम नहीं रहे हैं। मार्च 2022 में उन्हें पहली बार आईपीएल में खेलने का मौका मिला। उन्हें पांच बार की विजेता टीम मुंबई इंडियंस ने खरीदा था। तिलक ने आईपीएल के पहले सीजन में 397 और दूसरे सीजन में 343 रन बनाए। इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट क्रमश: 131.02 और 164.11 का रहा था। आईपीएल के लगातार दो सीजन में शानदार प्रदर्शन करने के बाद उन्हें अगस्त 2023 में उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू का मौका मिल गया। उन्होंने तीन अगस्त को वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टी20 खेला। अब उनका चयन वनडे टीम में भी हो गया है।
वनडे में चयन से खुद तिलक हैरान :-
बेटे की जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे थे पिता :- हैदराबाद के चंद्रयानगुट्टा में तिलक वर्मा गलियों में क्रिकेट खेलते थे। नौ साल की उम्र में ही बैट लेकर खड़े होने का अंदाज (स्टांस) कट और पुल शॉट खेलने का तरीका जबरदस्त था। पिता इलेक्ट्रीशियन थे और अपने बेटे की जरूरतों को पूरा करने में सफल नहीं हो रहे थे। फिर कोच ने आगे बढ़कर तिलक वर्मा का साथ दिया और वे आज टीम इंडिया में पहुंच गए।कोच को दिया सफलता का श्रेय :-
तिलक क्रिकेट में अपनी सफलता श्रेय कोच सलाम बायश को देते हैं। उनके मुताबिक, अगर सलाम बायश नहीं होते तो उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए जरूरी सामान नहीं मिल पाते। यहां तक कि मुश्किल समय में सलाम बायश ने उन्हें अपने घर में भी रखा। तिलक के पिता नम्बूरी नागराजू के पासा बेटे को क्रिकेट एकेडमी में भेजने के लिए पैसे नहीं थे। इस बारे में तिलक ने पिछले साल आईपीएल नीलामी के बाद समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा था कि आप मेरे बारे में भले ही मत लिखो, लेकिन मेरे कोच के बारे में जरूर लिखना। उनका जिक्र जरूर होना चाहिए।तिलक ने कहा था, "कोच ने मेरे लिए क्रिकेट के सामान खरीदे। लेगाला क्रिकेट एकेडमी में ज्यादातर खर्च उन्होंने ही उठाया। यह सफलता उनके और मेरे परिवार की देन है।" कोरोना महामारी में तिलक के पिता को काम मिलना बंद हो गया था। परिवार के चार सदस्यों का पालन-पोषण मुश्किल हो गया था। ऐसी परिस्थिति में तो तिलक को क्रिकेट छोड़ने पर मजबूर होना पड़ता, लेकिन कोच सलाम बायश ने उनका साथ दिया।
कोरोना के कारण खर्चों में हुई थी कटौती
तिलक को यहां तक पहुंचने में बहुत तकलीफ हुई है। कोरोना में उनके परिवार को अपने खर्चों में कटौती करनी पड़ी है। तब कोच ने यह तय किया कि तिलक लगातार क्रिकेट खेलना जारी रखें। सबको इस बात की उम्मीद थी कि किसी दिन तो चीजें बेहतर होंगी।
तिलक को यहां तक पहुंचने में बहुत तकलीफ हुई है। कोरोना में उनके परिवार को अपने खर्चों में कटौती करनी पड़ी है। तब कोच ने यह तय किया कि तिलक लगातार क्रिकेट खेलना जारी रखें। सबको इस बात की उम्मीद थी कि किसी दिन तो चीजें बेहतर होंगी।
मुंबई के अलावा हैदराबाद, चेन्नई और राजस्थान ने भी लगाई थी बोली
तिलक वर्मा का बेस प्राइस 20 लाख रुपये था। उनके लिए सिर्फ मुंबई ने बोली नहीं लगाई। सनराइजर्स हैदराबाद, राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स के बीच भी कड़ी टक्कर देखने को मिली। सभी फ्रेंचाइजी से आगे बढ़कर मुंबई ने उन्हें 1.70 करोड़ रुपये में खरीदा। टीम का यह फैसला सही साबित हुआ और तिलक अब मुंबई इंडियंस का अभिन्न हिस्सा बन गए। वह बल्लेबाजी के अलावा ऑफ स्पिन गेंदबाजी भी कर लेते हैं। अब तिलक के सामने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छा जाने का मौका है।